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Ayodhya Ram Temple: मनमोहक मुस्कान के साथ राम मंदिर में विराजमान हुए रामलला, पहनाए गए हैं कितने दिव्य आभूषण, कहां किया गया तैयार, यहां जानिए

Ram Lalla Jewellery: सदियों का इंतजार पूरा हो गया है. राम मंदिर में भगवान राम विराजमान हो गए हैं. सिर पर स्वर्ण मुकुट, कानों में कुंडल, गले में हार, एक हाथ में स्वर्ण धनुष और दूसरे में वाण लिए रामलला को देख भक्त भावविभोर हो गए.

Ram Lalla Ram Lalla
हाइलाइट्स
  • भगवान राम के मुकुट में जड़े हैं कई रत्न 

  • बाएं हाथ में सोने का धनुष और दाहिने में है बाण 

Ram Lalla Pran Pratishtha: अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. भगवान राम की छवि देखते ही बन रही है. दिव्य आभूषणों और वस्त्रों को धारण किए रामलला मनमोहक मुस्कान के साथ मंत्रमुग्‍ध कर रहे हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन से आभूषण रामलला को पहनाए गए हैं?

धर्मग्रंथों का लिया गया है संदर्भ 
रामलला के आभूषणों और वस्त्रों के लिए विभिन्न धर्मग्रंथों का संदर्भ लिया गया है. इनमें आध्यात्म रामायण, श्रीमद्वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरिमानस और आलवन्दार स्रोत आदि ग्रंथ शामिल हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है. इसके मुताबिक इस शोध के अनुसार, यतींद्र मिश्र की परिकल्पना और निर्देशन से इन आभूषणों को बनवाया गया है.

किसने किया है आभूषणों का निर्माण 
आभूषणों का निर्माण श्री अंकुर आनंद की संस्थान हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स, लखनऊ ने किया है. भगवान बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती और लाल रंग के पटुके/अंगवस्त्रम में सुशोभित हैं. इन वस्त्रों पर शुद्ध स्वर्ण की जरी और तारों से काम किया गया है. इनमें वैष्णव मंगल चिह्न- शंख, पद्म, चक्र और मयूर अंकित हैं. इन वस्त्रों का निर्माण श्री अयोध्या धाम में रहकर दिल्ली के ड्रेस डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने किया है. 

माणिक्य, पन्ना और हीरों से सजाया गया है मुकुट को 
रामलला का मुकुट उत्तर भारतीय परंपरा में सोने से बनाया गया है. इसे माणिक्य, पन्ना और हीरा से सजाया गया है. मुकुट के ठीक बीच में भगवान सूर्य और दाहिनी तरफ मोतियों की लड़ियां पिरोई गई हैं. इसी के मुताबिक भगवान के कुंडल भी बनाए गए हैं. इसमें मयूर की आकृतियां बनी हैं और इसे सोना, हीरा, माणिक्य और पन्ना से सजाया गया है.

अर्द्धचंद्राकार रत्नों से जड़ा है कंठा
रामलला के गले में अर्द्धचंद्राकार रत्नों से जड़ा हुआ कंठा पहनाया गया है. इसमें फूल और बीच में सूर्यदेव बने हैं. सोने से बना यह कंठा, हीरे, माणिक्य और पन्नों से जड़ा है. वहीं, नीचे की तरफ पन्ने की लड़ियां लगाई गई हैं. 

हृदय में कौस्तुभमणि
शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु और उनके अवतार हृदय में कौस्तुभमणि पहनते हैं इसलिए रामलला के हृदय में कौस्तुभमणि धारण कराई गई है. इसे एक बड़े माणिक्य और हीरों से सजाया गया है.

पादिक का है विशेष महत्व
पादिक कंठ से नीचे और नाभिकमल से ऊपर पहनाया गया हार होता है. इसका देवताओं को सजाने में बड़ा महत्व होता है. यह पदिक पांच लड़ियों वाला हीरे और पन्ने का ऐसा पंचलड़ा है, जिसके नीचे एक बड़ा सा सजा हुआ पेंडेंट लगाया गया है. यह भगवान को पहनाया जाने वाला तीसरा और सबसे लंबा व स्वर्ण से बना हार है. इसमें कहीं-कहीं माणिक्य लगाए गए हैं. इसे विजय के प्रतीक के रूप में पहनाया जाता है. इसमें वैष्णव परंपरा के सभी मंगल-चिह्न, सुदर्शन चक्र, पद्मपुष्प, शंख और मंगल-कलश दर्शाए गए हैं. इसमें देवता को प्रिय पुष्पों, कमल चंपा, पारिजान, कुंद और तुलसी की सजावट होती है.

रत्नजड़ित है करधनी 
रामलला की कमर में करधनी धारण कराई गई है, जिसे रत्नजड़ित बनाया गया है. यह सोने पर बना है और इसमें प्राकृतिक सुषमा छपी है. इसे हीरे, माणिक्य, मोतियों और पन्ने से सजाया गया है. पवित्रता का बोध कराने वाली पांच छोटी घंटियां भी इसमें लगी हैं. इन घंटियों से मोती, माणिक्य और पन्ने की लड़ियां भी लटक रही हैं. 

दोनों हाथों में हैं सुंदर कंगन
रामलला की दोनों भुजाओं में सोने और रत्नों से जड़े भुजबंध पहनाए गए हैं. दोनों ही हाथों में सुंदर कंगन पहनाए गए हैं, जो रत्नजड़ित हैं. बाएं और दाएं हाथों की अंगूठियों में रत्न जड़े हुए हैं, जिनमें मोतियां लटक रही हैं. 

पैरों में छड़ा और पैजनियां 
पैरों में छड़ा और पैजनियां पहनाई गई हैं. भगवान के बाएं हाथ में सोने का धनुष है, जिनमें मोती, माणिक्य और पन्ने की लटकनी लगी हैं. इसी तरह दाहिने हाथ में सोने का बाण धारण कराया गया है.

गले में पहनाई गई है वनमाला 
रामलला के गले में रंग-बिरंगे फूलों के आकार वाली वनमाला पहनाई गई है. इसका निर्माण हस्तशिल्प के लिए समर्पित शिल्पमंजरी संस्था ने किया है. भगवान श्रीराम के माथे पर पारंपरिक मंगल-तिलक और हीरे और माणिक्य से रचा गया है. 

भगवान के प्रभामंडल के ऊपर लगी है सोने की छतरी 
कमल सुसज्जित पैरों के नीचे एक सोने की माला सजाई गई है. रामलला चूंकि पांच वर्ष के बालरूप में विराजे हैं, इसलिए उनके सामने खेलने के लिए चांदी से बने खिलौने रखे गए हैं. इनमें झुनझुना, हाथी, घोड़ा, ऊंट, खिलौनागाड़ी और लट्टू हैं. भगवान के प्रभामंडल के ऊपर सोने की छतरी लगी है. भगवान राम के साथ नीचे स्थापित हनुमान जी और गरुड़ को भी मोतियों की माला पहनाई गई है.

200 किलोग्राम वजनी है रामलला की श्यामल मूर्ति
अयोध्या में रामलला की श्यामल वर्ण वाली मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है. इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चौड़ाई तीन फीट है. कृष्ण शैली में मूर्ति बनाई गई है. मूर्ति श्याम शिला से बनाई गई है, जिसकी आयु हजारों साल होती है. मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा. चंदन, रोली लगाने से भी मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.