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Ram Navami 2024: रामनवमी पर अद्भुत संयोग, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, राम तिलक का समय सहित अन्य जानकारी

Ram Navami 2024: आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है. खास बात ये कि इस बार अद्भुत संयोग भी बन रहा है. चलिए हम आपको विस्तार से इस संयोग, पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और राम तिलक के बारे में बताते हैं.

 Ram Navami 2024 (Photo-PTI) Ram Navami 2024 (Photo-PTI)

आज देशभर में रामनवमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. खासकर अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है. रामनवमी के शुभ अवसर पर दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर रामलला का सूर्य तिलक होगा. मंदिर ट्रस्ट ने लगभग 100 एलईडी लगाई हैं. जबकि सरकार की ओर से 50 एलईडी की व्यवस्था की गई है. इनके जरिए रामनवमी के जश्न को दिखाया जाएगा. चलिए आपको रामनवमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और राम तिलक के बारे में बताते हैं. 

रामनवमी क्यों मनाई जाती है

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर भगवान राम ने जन्म लिया था. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने रावण का अंत करने और जगत कल्याण के लिए भगवान राम के रूप में अवतार लिया था. रामनवमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई के जीत का भी प्रतीक है. हिंदू धर्म में इस त्योहार का बहुत महत्व है. देशभर के राम भक्त इस दिन धूमधाम से विधिवत रूप से भगवान राम की पूजा करते हैं. कुछ जगहों पर देवी देवताओं की सवारी भी निकाली जाती है. 

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बन रहा ये संयोग 

आज दोपहर 12 बजे भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. और आज के दिन चंद्रमा कर्क राशि में होंगे और सूर्य मेष के दशम भाव में मौजूद रहेंगे. वहीं शुक्र भी उच्च राशि में हैं और शनि मूल त्रिकोण में हैं. ऐसा होने पर जातकों को शुभ फल प्राप्त होता है.

शुभ मुहूर्त और राम तिलक का समय

रामनवमी पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11.03 से शुरू होकर दोपहर 1.38 तक है. वहीं राम तिलक का समय दोपहर 12 बजे है. इस दौरान गजकेसरी योग, पारिजात, केदार योग, सरल,अमला, काहल, शुभ, रवि योग और वाशि योग बनेंगे.

ऐसे करें पूजन

सन्ना ध्यान करने बाद साफ सुथरे कपड़े पहने. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें. जल में लाल फूल, अक्षत और सिंदूर डालें और फिर  भगवान सूर्य को अर्पित करें. जल अर्पित करने के बाद मंदिर जाएं. या घर में ही भगवान राम की मूर्ति पर दूध अभिषेक करें और फल फूल चढ़ाएं. इसके बाद दीप जलाएं और भगवान राम की आरती करें.