

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तेजी से अपने अंतिम चरण में है, और अब भगवान रामलला की भव्यता को एक नई दिव्यता मिलने जा रही है. सोने की सजावट के बाद अब रामलला को मिलेगा शुद्ध हीरों से बना विशेष आभूषण, जिसे एक श्रद्धालु हीरा व्यापारी ने श्रद्धा और भक्ति से दान देने की घोषणा की है.
मुंबई के व्यापारी ने की भक्ति की सबसे कीमती पेशकश
राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने इसकी पुष्टि की है कि मुंबई के एक प्रतिष्ठित डायमंड कारोबारी ने रामलला के लिए पूर्ण हीरों से बना आभूषण दान करने की इच्छा जताई है. यह भेंट 70 करोड़ रुपये की सोने की सजावट के बाद अब तक की सबसे मूल्यवान भक्ति भेंट मानी जा रही है.
इस भव्य आभूषण के निर्माण के लिए विशेष कारीगरों को मंदिर में रामलला की मूर्ति का माप लेने की अनुमति दे दी गई है. यह आभूषण न केवल भगवान की भव्यता को और बढ़ाएगा, बल्कि भक्तों की श्रद्धा और भावना का प्रतीक भी होगा.
राम मंदिर निर्माण
राम मंदिर के आसपास के परिसर का विकास भी तेज़ी से चल रहा है. शेषावतार मंदिर के पास 11 मीटर ऊंचा एक स्मारक बनाया जाएगा जिसमें उन पुण्य आत्माओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी जिन्होंने इस मंदिर निर्माण में योगदान दिया है. ऑडिटोरियम और म्यूज़ियम का निर्माण कार्य 2026 के मध्य तक पूरा कर लिया जाएगा. अन्य सभी ढांचागत कार्य दिसंबर 2025 तक पूरे किए जाएंगे.
आधुनिक रोशनी और सुरक्षा के साथ मंदिर होगा और भी आकर्षक
राम मंदिर परिसर की फसाड लाइटिंग के लिए टेंडर केवल 5 करोड़ रुपये में फाइनल हुआ है, जबकि पहले इसकी अनुमानित लागत 52 करोड़ थी. इससे यह साबित होता है कि मंदिर निर्माण समिति भक्ति के साथ-साथ पारदर्शिता और कुशल वित्तीय प्रबंधन को भी महत्व दे रही है.
15 अगस्त के बाद मंदिर की बाउंड्री वॉल के निर्माण का कार्य भी अत्याधुनिक तकनीक से शुरू किया जाएगा. 18 अगस्त को विभिन्न कंपनियां मंदिर परिसर की लाइटिंग का डेमो प्रजेंटेशन करेंगी.
राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा, "मंदिर के अंदर जितना भी स्वर्ण कार्य था, वह पूर्ण हो चुका है. अब हीरों से बना आभूषण रामलला को समर्पित किया जाएगा. श्रद्धालुओं की आस्था और पवित्रता को सर्वोपरि रखते हुए हर कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है."
यह पहल न केवल श्रद्धा और भक्ति की मिसाल है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे भारत के कोने-कोने से लोग भगवान राम के प्रति अपनी आस्था को भव्य रूप में समर्पित कर रहे हैं. अयोध्या का राम मंदिर अब एक धार्मिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से समृद्ध राष्ट्रीय विरासत बन चुका है.
(मयंक शुक्ला की रिपोर्ट)