Rangpanchami 
 Rangpanchami देशभर में भले ही होली का त्योहार खत्म हो गया है, लेकिन अगर अब भी आपको होली के रंग देखने हैं और उसमें सराबोर होना है तो 19 मार्च को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर आइए क्योंकि यहां रंगपंचमी मनाने की खास तैयारी चल रही है. यह त्योहार होली के पांचवें दिन मनाया जाता है जिसमें गैर यानी हुरियारों का जुलूस निकलता है. करीब 300 सालों से चली आ रही इस परंपरा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पर आते हैं.
रंगपंचमी की परंपरा
मालवांचल में होली के बाद रंगपंचमी मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है. कहा जाता है कि इंदौर में रंगपंचमी पर गैर निकालने की परंपरा की शुरुआत करीब 300 साल पहले होलकर राजवंश ने की थी. इस दिन होल्कर वंश के लोग आम जनता के साथ होली खेलने के लिए निकलते थे और पूरे शहर में भ्रमण करते थे. मकसद? भेदभाव मिटाकर भाईचारा बढ़ाना था. रजवाड़ा भले ही खत्म हो गया लेकिन यह परंपरा आज तक चल रही है. 
गैर उत्सव की धूम
इंदौर में रंगपंचमी की तैयारी है जहां इस खास मौके पर धूमधाम से गैर यानी हुरियारों का जुलूस निकलता है. यह जुलूस पूरे शहर में रंग गुलाल उड़ाते चलते हैं, लोगों को मस्ती के रंग में रंगते चलते हैं, जमीन से आसमान तक बस रंग ही रंग नजर आता है. कौन अपना कौन पराया सब भेद खत्म हो जाते हैं. इसलिए इस त्योहार को गैर उत्सव भी कहा जाता है जहाँ कोई गैर नहीं रह जाता. 
प्रशासन की तैयारी
जगह-जगह पर आठों सेक्टर में इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं जिनसे आम जन को किसी तरह की परेशानी ना हो. फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की व्यवस्था हर सेक्टर में होगी. उसका एग्जिट रूट भी निर्धारित कर लिया गया है. इसके साथ ही साथ हर सेक्टर में एलिवेटेड पुलिस प्लेट के लिए एक मंच बनाया जाएगा, जिससे पुलिस ऊपर से रहकर लोगों को चिन्हित भी करेगी. जो पुलिस के लोग भीड़ में रहेंगे में उनको संपर्क करके उपद्रवियों और हुड़दंगियों को निश्चित तौर पर चेक करेगी. रोकेगी टोकेगी ताकि किसी भी तरह की अपनी घटना में नहीं होनी चाहिए. 
इंदौर के गैर उत्सव को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. ऐसे में प्रशासन की कोशिश है कि इस उत्सव को हर साल की तरह इस साल भी भव्य तरीके से मनाया जाए.