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Baba Bageshwar: क्या हैं बाबा बागेश्वर के 7 संकल्प? पदयात्रा में शामिल हुईं ये दिग्गज हस्तियां

बाबा बागेश्वर की 'सनातन एकता पदयात्रा' चल रही है. आज यानी 11 नवंबर को पदयात्रा का 5वां दिन है. इस यात्रा का समापन 16 नवंबर को होगा. सनातन एकता पदयात्रा में बाबा बागेश्वर के 7 संकल्प दिला रहे हैं. इसमें भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और समाज से भेदभाव समाप्त करना शामिल है.

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बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन एकता पदयात्रा निकले हैं. आज यानी 11 नवंबर को पदयात्रा का 5वां दिन है. इस यात्रा को लेकर लोगों में खूब उत्साह देखने को मिल रहा है. इस यात्रा के दौरान बाबा बागेश्वर 170 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे. दिल्ली से शुरू हुई ये पदयात्रा हरियाणा होते हुए यूपी के वृन्दावन में खत्म होगी.

बाबा बागेश्वर के 7 संकल्प-
सनातन एकता पदयात्रा में बाबा बागेश्वर के 7 संकल्प दिला रहे हैं. चलिए आपको इन संकल्पों के बारे में बताते हैं.

  • भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करना.
  • संवाद, चिंतन से सामाजिक परिवर्तन का संकल्प.
  • समाज से भेदभाव समाप्त करने का संकल्प.
  • ब्रज भूमि के प्राचीन स्वरुप की वापसी. ब्रज के मंदिर सुरक्षित रहें.
  • अवैध धर्मांतरण पर लगाम लगाने का संकल्प.
  • गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा.
  • यमुना नदी को स्वच्छ बनाना, नदी के जल को निर्मल बनाने का संकल्प.

पदयात्रा में शामिल हुए ये दिग्गज-
बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री के सनातन एकता पदयात्रा में कई दिग्गज और पॉपुलर लोग शामिल हुए. इसमें दिग्गज पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल हुए. इसके अलावा WWE रेसलर द ग्रेट खली भी इस पदयात्रा में दिखाई दिए. ये महज एक पदयात्रा नहीं है, बल्कि विश्वास, सामाजिक समरसता और सनातन की एकता की यात्रा है.

9 साल में धाम की सेवा में लग गए धीरेंद्र शास्त्री-
धीरेंद्र शास्त्री मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री 9 साल की उम्र में धाम की सेवा में रम गए थे. उनके भक्त कई राज्यों में हैं. अभी उनकी पदयात्रा जारी है. लेकिन जब भी उनका दरबार लगता है तो बड़ी संख्या में फरियादी उमड़ पड़ते हैं.

 
कब कहां पहुंचेगी पदयात्रा?
सनातन एकता पदयात्रा आज यानी 11 नवंबर को हरियाणा में है. इसके बाद 12 नवंबर को हरियाणा के होडल मंडी से वनचारी तक की पदयात्रा होगी. इसके बाद 13 नवंबर को कोटवन बॉर्डर से कोसी मंडी तक जाएगी. इसके बाद 14 नवंबर को बिठौली में जाकर विश्राम होगा. 15 नवंबर को पदयात्रा राधा गोविंद जी मंदिर तक जाएगी और 16 नवंबर को छठीकरा के चार धाम से पदयात्रा शुरू होकर श्री बांके बिहारी जी मंदिर पर जाकर खत्म होगी.

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