

सहारनपुर में कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और व्यापक स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाया गया है. सभी प्रमुख कांवड़ मार्गों की पहचान कर उन्हें सीसीटीवी कैमरों से कवर किया गया है. साथ ही 5000 से अधिक कैमरे प्रमुख स्थलों पर पहले ही लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 855 कैमरे मुख्य कांवड़ मार्गों पर कार्यरत हैं और 300–400 कैमरे और लगाए जा रहे हैं.
ड्रोन कैमरों की रहेगी नज़र
ड्रोन कैमरों के माध्यम से भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की निगरानी की जाएगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति पर तुरंत नियंत्रण पाया जा सके. शहर के कंट्रोल रूम से सभी कैमरों की लाइव निगरानी की जा रही है. यह कंट्रोल रूम नगर निगम में स्थित है और इसमें सभी विभागों के अधिकारी 24 घंटे मौजूद रहेंगे. जिससे किसी भी प्रकार की समस्या का तुरंत समाधान हो सके.
साथ ही पूरे कांवड़ रूट को 3 सुपर ज़ोन, 10 ज़ोन, 21 सेक्टर और 52 सब-सेक्टर में बांटा गया है, जिससे हर क्षेत्र की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय हो सके. प्रत्येक सब-सेक्टर में मोटरसाइकिल पर पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं ताकि भीड़ नियंत्रण और अव्यवस्था पर तत्काल कार्रवाई हो सके. इसी के साथ पूरे जिले में 1500 से अधिक पुलिसकर्मी और तीन कंपनियां पुलिस फोर्स की मंगाई गई है.
जल चढ़ाने से होगी मनोकामना पूरी
मंदिरों की बात करें तो शहर में लगभग 10 ऐसे प्रमुख शिव मंदिर हैं जहां भारी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं. जैसे बागेश्वर महादेव, भूतेश्वर महादेव, श्री भुवनेश्वरी मंदिर आदि. पंडित मनोज वशिष्ठ के अनुसार, इन मंदिरों में सावन में लाखों की संख्या में कांवड़िए जल चढ़ाते हैं. यहां पर सेवादारों, बैरिकेडिंग व प्रशासनिक सहयोग से बेहतरीन व्यवस्था रहती है.
सुनील कुमार गुप्ता ने श्री भुवनेश्वरी मंदिर को सिद्ध पीठ बताते हुए कहा कि यहां 40 दिन तक जल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. श्री जगमोहन लाल गोयल के अनुसार, यह मंदिर मराठा कालीन है और श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विश्राम की संपूर्ण व्यवस्था भी रहती है.
कैसे रहेगी कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा
एसपी ट्रैफिक सिद्धार्थ वर्मा ने जानकारी दी कि 11 जुलाई की रात से लेकर 24 जुलाई तक पुलिस बल, मजिस्ट्रेट और विभागीय अधिकारी लगातार ड्यूटी पर रहेंगे. जलाभिषेक स्थलों पर भी विशेष पुलिस बल तैनात रहेगा.
इसके अलावा सहारनपुर प्रशासन द्वारा कावड़ रूट पर एक क्यूआर कोड व्यवस्था लागू की गई है, जिसे स्कैन कर श्रद्धालु शौचालय, पेट्रोल पंप, मेडिकल सेवाएं और शिविरों की जानकारी मोबाइल पर पा सकेंगे. रास्तों पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, और इलेक्ट्रॉनिक पोलों को वाटरप्रूफ बनाया गया है ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके.
-सहारनपुर से राहुल कुमार की रिपोर्ट