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Shivling Abhishek Rules: सावन महीने में शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं, क्या नहीं? जानें अभिषेक के नियम और लाभ

Shivling Abhishek Rules and Benefits: शिवलिंग को शिवजी का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों समाहित होते हैं. शिवलिंग की जब कोई व्यक्ति उपासना करता है तो केवल शिव जी की ही नहीं बल्कि शिव और शक्ति दोनों की उपासना सम्पूर्ण हो जाती है. आइए आज जानते हैं शिवलिंग पर क्या अर्पित करने से कौन सी मनोकामना पूरी होती है. 

Shivling Abhishek Rules Shivling Abhishek Rules
हाइलाइट्स
  • रुद्रभिषेक के समय रुद्राष्टाध्याय का करें पाठ या नमः शिवाय का करें जप 

  • शिवलिंग का विभिन्न वस्तुओं से अभिषेक करने से होता है विशेष लाभ

सावन का पावन महीना चल रहा है और भगवान शिव की पूजा बिना शिवलिंग के संभव नहीं है. शिवलिंग पर हम अलग-अलग वस्तुएं अर्पित करते हैं. इससे हमारी विभिन्न मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए आज जानते हैं शिवलिंग पर क्या अर्पित करने से कौन सी मनोकामना पूरी होती है. 

क्या है शिवलिंग की महिमा 
शिवलिंग को शिवजी का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिव पूजा में शिवलिंग की सर्वाधिक मान्यता मानी जाती है. शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों समाहित होते हैं. शिवलिंग की जब कोई व्यक्ति उपासना करता है तो केवल शिव जी की ही नहीं बल्कि शिव और शक्ति दोनों की उपासना सम्पूर्ण हो जाती है.

शास्त्रों में विभिन्न प्रकार के शिवलिंगों की पूजा करने का प्रावधान पाया जाता है.अलग-अलग तरह के शिवलिंगों की पूजा होती है जैसे स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेवधारी शिवलिंग, सोने और चांदी के शिवलिंग और पारे से बना हुआ पारद शिवलिंग. स्वयंभू शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है और सबसे ज्यादा फलदाई होती है. जो शिवलिंग भूमि से अपने आप प्रकट होते हैं, उनकी पूजा उपासना करना सबसे ज्यादा फलदाई माना जाता है. 

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शिवलिंग पर अर्पण के नियम
शिवलिंग पर कोई भी पदार्थ या वस्तु अर्पित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस संबंध में धार्मिक ग्रंथों में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. यदि जलीय पदार्थ अर्पित कर रहे हैं तो उसकी धारा बनाकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए. ठोस पदार्थ जैसे फल, फूल, भांग, धतूरा अर्पित करते समय दोनों हाथों से शिवलिंग पर लगाना चाहिए. शैलेंद्र पांडेय ने बताया कुछ भी अर्पित करने के बाद अंत में शिवलिंग पर जल अवश्य चढ़ाना चाहिए.  शिवलिंग पर तामसिक चीजें और मारण प्रयोग के लिए कोई वस्तु अर्पित नहीं करनी चाहिए.

रुद्रभिषेक और मंत्र
शिवलिंग पर अलग-अलग वस्तुएं अर्पित करने की प्रक्रिया को रुद्रभिषेक कहा जाता है. रुद्रभिषेक के समय रुद्राष्टाध्याय का पाठ किया जाता है. यदि आप रुद्राष्टाध्याय का पाठ नहीं कर सकते तो ओम नमः शंभवाय च मयो भवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग पर वस्तुएं अर्पित करें. यदि यह भी कठिन लगे तो नमः शिवाय का जप करते हुए अर्पण करें.

शिवलिंग पर विभिन्न वस्तुओं से अभिषेक करने के लाभ
1. शिवलिंग पर विभिन्न वस्तुओं से अभिषेक करने से विभिन्न लाभ प्राप्त होते हैं. 
2. गाय के दूध से बने घी से अभिषेक करने से वंश का विस्तार होता है और संतान की प्राप्ति होती है. 
3. गन्ने के रस से अभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कुंडली के खराब योग नष्ट हो जाते हैं.
4. दूध में शक्कर मिलाकर अभिषेक करने से व्यक्ति ज्ञानी और विद्वान होता है.
5. शहद से अभिषेक करने से पुरानी बीमारियां नष्ट हो जाती हैं. 
6. गाय के दूध से अभिषेक करने से स्वास्थ्य बेहतर होता है और आयु लंबी होती है.
7. जल में शक्कर मिलाकर अभिषेक करने से संतान प्राप्ति होती है.
8. भस्म से अभिषेक करने से व्यक्ति को मुक्ति और मोक्ष प्राप्त होता है.
9. सरसों के तेल से अभिषेक करना मारण प्रयोग है, जो सामान्यतः नहीं करना चाहिए.

शिवलिंग पर जल अर्पण
शास्त्रों के अनुसार भगवान सूर्य को नमस्कार प्रिय है, भगवान विष्णु को अलंकार प्रिय है और भगवान शिव को जल प्रिय है. ऐसे में यदि आप कुछ नहीं कर सकते तो महादेव को शुद्ध जल अर्पित करके प्रार्थना करें. इससे भी आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.