Devotees Take Holy Dip in River Ganga on Amavasya (File Photo: PTI) 
  Devotees Take Holy Dip in River Ganga on Amavasya (File Photo: PTI) सनातन धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. यदि अमावस्या सोमवार के दिन पड़ता है तो इसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के नाम से जाना जाता है. साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को है. तीन सालों के बाद चैत्र माह में अमावस्या तिथि आई है. पुराणों के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का विशेष महत्व है.
सोमवती अमावस्या के दिन भोले बाबा और माता पार्वती की पूजा की जाती है. महिलाएं पीपल वृक्ष की परिक्रमा कर मंगल कामना करती हैं. पीपल वृक्ष की पूजा करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है. क्योंकि इस पर ब्रह्मा, विष्णु और शिव वास करते हैं. सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन कुछ धार्मिक उपाय करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है.
क्या है शुभ मुहूर्त
चैत्र माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 8 अप्रैल 2024 को सुबह 3 बजकर 21 मिनट से होगी. इस तिथि का समापन सोमवार को ही रात को 11 बजकर 50 मिनट पर होगा. ऐसे में सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को मनाई जाएगी. 8 अप्रैल को सुबह से ही अमावस्या तिथि शुरू हो जा रही है, जिस वजह से 8 अप्रैल को दिनभर स्नान-दान किया जा सकता है. इस दिन सूर्य, चंद्र, शुक्र और राहु एक साथ मीन राशि में विद्यमान रहेंगे. इसके कारण अमावस्या पर चतुर्ग्रही योग का संयोग बन रहा है. यह चारों पुरुषार्थों की सरलता से प्राप्ति का कारक माना गया है. इसलिए इस बार
अमावस्या का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है.
सोमवती अमावस्या के दिन क्या करें
1. सोमवती अमावस्या के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें. शास्त्रों में स्नान करते समय सप्त नदियों, गंगा, यमुना, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी को याद करने का विधान है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है साथ ही आरोग्य और समृद्धि भी मिलती है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर विधिवत स्न्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है. यदि आप नदियों में स्नान करने नहीं जा सकते तो आप घर में ही थोड़ा सा गंगाजल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें. 
2. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर दें. मान्यता है कि सूर्यदेव की पूजा से शरीर और मन के अंदर की नकारात्मकता का अंत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को जल देने से पूर्व जन्म और इस जन्म के सभी पापों से मुक्ति और भगवान भास्कर की कृपा प्राप्त होती है.
3. यदि आप पितरों को मोक्ष दिलाना चाहते हैं तो सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान के बाद पितरों का तर्पण करें. इसके बाद गरुड़ पुराण का पाठ करें. इस पुराण के पाठ से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है. साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है.
4. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए पंचामृत से अभिषेक करें. शहद से भगवान शिव का अभिषेक करें. ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी. आप इस दिन भोले बाबा को घी से भी अभिषेक कर सकते हैं. शास्त्रों में वर्णित है कि घी के अभिषेक से भोले भंडारी शीघ्र प्रसन्न होते हैं. इस दिन गंगाजल में काले तिल, बेल पत्र और पान के पत्ते मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है.
5. मान्यता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास होता है. सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की परिक्रमा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है. माना जाता है कि अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है. इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
6. सोमवती अमावस्या के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आवंले का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. गरीबों, साधु, महात्मा और ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए. उन्हें जरूरत के वस्त्र दान करने चाहिए.
सोमवती अमावस्या के दिन क्या नहीं करें 
1. सोमवती अमावस्या के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. 
2. इस दिन लहसुन और प्याज नहीं खाना चाहिए. 
3. सोमवती अमावस्या के दिन किसी भी इंसान के प्रति मन में गलत विचार न लाएं.
4. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
5. इस दिन शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए.
6. इस दिन पशु-पक्षी, पेड़-पौधे का अनादार नहीं करना चाहिए.