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Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक काल क्या होता है? क्यों लगाई जाती है मांगलिक कार्यों पर पाबंदी, जानें सबकुछ

सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से लग जाता है. मान्यता है कि सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. सूतक काल का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 17 मिनट से होगा और समापन 25 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 42 मिनट पर होगा.

Surya Grahan 2022 Surya Grahan 2022
हाइलाइट्स
  • 25 अक्टूबर यानी आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है.

  • सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से लग जाता है.

25 अक्टूबर यानी आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. आज का ग्रहण भारत में करीब 2 घंटे का रहेगा. सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी भागों में आसानी के साथ देखा जा सकेगा, जबकि पूर्वी भागों में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा. ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक पहले आज सुबह 3 बजे से ही शुरू हो चुका है. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर शुभ कार्यों की मनाही होती है.

सूर्य ग्रहण 2022 समय
आज सूर्य ग्रहण का आरंभ शाम 04:28 बजे से होगा और इसका समापन शाम 05:30 बजे होगा. स्थान के आधार पर इसके प्रारंभ और समापन के समय में परिवर्तन संभव है.

क्या होता है सूतक काल

ज्योतिषियों कि मानें तो सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से लग जाता है. सूतक काल का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 17 मिनट से होगा और समापन 25 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 42 मिनट पर होगा. मान्यता है कि सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. 

मांगलिक कार्यों पर पाबंदी क्यों

शास्त्रों में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए ग्रहण के पहले सूतक लगने पर सभी तरह शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं.आज पूरे दिन सूतक काल है ऐसे में कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें. इतना ही नहीं सूतक काल में सोना भी वर्जित माना जाता है. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं का बाहर जाना जैसे कार्य वर्जित होते हैं. ग्रहण काल के टाइम यदि संभव हो तो खाने पीने से परहेज करें.

क्यों लगता है सूर्यग्रहण

पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 365 दिनों में एक चक्कर लगाती है. चंद्रमा एक उपग्रह है और पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने में चंद्रमा को 27 दिन लगते हैं. चंद्रमा के चक्कर लगाने के दौरान कई बार चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है. इसे ही सूर्यग्रहण कहा जाता है.