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CharDham Yatra 2022: चार धाम यात्रा में मुसीबतें अपार, लेकिन श्रद्धालुओं का जोश हाई

पवित्र चार धाम यात्र पर मौसम की मार पड़ रही है. भारी बारिश और भूस्खलन ने श्रद्धालुओं की मुसीबतें बढ़ा दी है. कई भक्तों की जान चली गई है. लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं का जोश हाई है. लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है.

चार धाम यात्रा चार धाम यात्रा
हाइलाइट्स
  • चार धाम यात्रा में अब तक 41 श्रद्धालुओं की मौत

  • लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या

  • सरकार ने सीमित की दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या

पवित्र चार धाम की यात्रा पर मौसम की ज़बरदस्त मार पड़ी है. भारी बारिश और भूस्खलन के चलते यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अब तक इस यात्रा के दौरान 41 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है. हालांकि ये मौतें बारिश और भूस्खलन के चलते नहीं, बल्कि सेहत से जुड़ी परेशानियों और बीमारियों के चलते हुई हैं. वहीं हालात को देखते हुए सरकार ने यात्रियों की तादाद तय कर दी है.
सबसे पवित्र माने जाने वाले चार धाम की यात्रा पर इस बार भी मौसम की भारी मार पड़ी है. लगातार होती बारिश, भूस्खलन और ऐसी ही दूसरी मुश्किलें श्रद्धालुओं का इम्तेहान ले रही हैं. लेकिन आस्था के सैलाब के आगे इन मुश्किलों का उनके उत्साह पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. अब उत्तराखंड सरकार को हालात काबू में करने के लिए खुद ही यात्रियों की संख्या निर्धारित करनी पड़ रही है.

  • चार धाम यात्रा में अब तक 41 श्रद्धालुओं की मौत की खबर है.
  • सबसे ज्यादा मौत केदारनाथ यात्रा के दौरान हुई, यहां 15 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई.
  • यमुनोत्री में 14, बदरीनाथ में 8 और गंगोत्री में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.
  • मौत की वजह प्राकृतिक आपदा कम. बीमारी और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ज़्यादा रहीं.
  • श्रद्धालुओं की मौत हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी बीमारियों, पहाड़ी पर चढ़ने से होनेवाली परेशानियों के चलते हुई.
  • इन हालात में प्रशासन ने ऐसे यात्रियों को यात्रा न करने की सलाह दी है, जिन्हें सेहत से जुड़ी परेशानियां हैं.
  • बारिश से बढ़ी परेशानी-

पहले तेज़ बारिश के चलते सोमवार की रात को बदरीनाथ की यात्रा रोक दी गई थी. लेकिन मंगलवार सुबह 6 बजे फिर से बदरीनाथ यात्रा शुरू की गई है. जबकि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग गौरीकुंड में बंद पड़ा है. क्योंकि बीती रात हुई बारिश की वजह से ये रास्ता बंद हो चुका है. जिसके चलते गौरीकुंड में यात्रियों का लगा लंबा जाम लगा है. चमोली में मूसलाधार बारिश के चलते बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हनुमान चट्टी से बदरीनाथ के बीच, लामबगड़ में खचड़ा नाले में पानी बढ़ने और बलदूड़ा में भूस्खलन के चलते यात्रा रोकी गई थी. यात्रियों को पांडुकेश्वर, बदरीनाथ जोशीमठ, पीपलकोटी, चमोली और गौचर में रोका गया था. लेकिन अब जैसे-जैसे हालात सामान्य हो रहे हैं. यात्रा में ढील दी जा रही है. 

श्रद्धालुओं का जोश हाई-
3 मई यानी अक्षय तृतीया के रोज़ शुरू हुई चार धाम यात्रा को लेकर इस बार श्रद्धालुओं का जोश हाई है. हालत ये है कि केदारनाथ और बदरीनाथ में कई किलोमीटर लंबी लाइनें लग रही हैं. सरकार से मिले आंकड़ों के मुताबिक बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद 8 मई से 16 मई तक 1,76,463 यात्रियों ने दर्शन किए. वहीं, केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तारीख यानी 6 मई से 16 मई तक 2,13,640 यात्री दर्शन कर चुके हैं. हालांकि भारी भीड़ को देखते हुए चारधाम यात्रा में एक बार फिर यात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया गया है. अब बदरीनाथ में रोजाना 16 हजार, केदारनाथ में 13 हजार, गंगोत्री में 8 हजार और यमुनोत्री में रोजाना 5 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे.

स्वास्थ्य विभाग की सलाह-
स्वास्थ्य विभाग ने यात्रियों को सलाह दी है कि 2,700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर मौजूद सभी चार धामों यानी बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में तीर्थयात्रियों को बहुत ज़्यादा ठंड, तेज़ अल्ट्रा वायलेट किरणें, कम हवा का दबाव और ऑक्सीजन की कमी जैसी परेशानियां हो सकती हैं. लिहाजा यात्रियों को तुरंत पास के स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचना चाहिए या फिर हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करना चाहिए.

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