Mahakal Temple
Mahakal Temple
25 दिसंबर से नया वर्ष शुरू होने तक छुट्टियों का दौर चलता रहता है. इस वजह से महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अत्यधिक बढ़ोतरी देखने को मिलती है. इस बार भी साल के अंतिम दिनों में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं. इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि 25 दिसंबर को ढाई लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन का लाभ लिया.
25 दिसंबर को ढाई लाख भक्तों ने किए दर्शन-
मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि 31 दिसंबर और 01 जनवरी को पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु मंदिर आएंगे. मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने बताया कि बीते वर्ष 2024 में 06 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर आकर दर्शन लाभ प्राप्त किया है. जाहिर सी बात है, जब श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती है, तो मंदिर में दान का आंकड़ा भी बढ़ जाता है.
100 करोड़ से ज्यादा का दान-
बीते 11 महीनों में मंदिर समिति को सौ करोड़ से ज्यादा की आय हुई है. इसमें सबसे ज्यादा आय शीघ्र दर्शन व्यवस्था से प्राप्त हुई है. मंदिर समिति के अध्यक्ष बताते हैं कि बीते वर्ष में शीघ्र दर्शन से 65 करोड़ रूपए की आय मंदिर समिति को हुई है. इसके अलावा 45 करोड़ की राशि दान पेटियों से हुई है.
क्यूआर कोड से दे सकते हैं दान-
कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष अब तक 06 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर आकर दर्शन लाभ प्राप्त किया. लोग खुले मन से दान कर रहे हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में कई स्थानों पर क्यूआर कोड भी चस्पा किए गए हैं, ताकि दान की राशि सीधे मंदिर समिति के खाते में आ सके. इस राशि के अलावा मंदिर समिति को सोना-चांदी भी दान में प्राप्त हुआ है. इसके अलावा अन्य मदों जैसे लड्डू प्रसाद, गौशाला, अन्नक्षेत्र को मिलने वाली दान राशि अलग है.
5 दिनों में 25 लाख भक्तों के आने की उम्मीद-
महाकाल मंदिर में महाकाल लोक निर्माण के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में दिनों दिन इजाफा होता जा रहा है. आम दिनों में भी रोजाना एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर में आते हैं. अभी वर्ष 2025 के समापन में पांच दिन शेष हैं, इन पांच दिनों में 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. मंदिर प्रशासन ने ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 25 दिसंबर से 05 जनवरी तक के लिए नई दर्शन व्यवस्था लागू की है. इस दौरान भस्मारती की ऑनलाइन बुकिंग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और चलित भस्म आरती दर्शन व्यवस्था लागू की गई है.
(संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: