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Vadodara: नो तिलक, नो एंट्री! वडोदरा में गरबा कार्यक्रम को लेकर हिंदू संगठन की डिमांड

गुजरात के वडोदरा में नवरात्रि के मौके पर आयोजित होने वाले गरबा कार्यक्रम को लेकर सनातन संत समिति ने बड़ी मांग की है. संगठन का कहना है कि गरबा में उन लोगों को ही एंट्री दी जाए, जो तिलक लगाए. इसके साथ ही उनके आधार कार्ड भी चेक किए जाएं.

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गुजरात का वडोदरा दुनिया में गरबा के लिए जाना जाता है. नवरात्रि महोत्सव में अभी एक महीने का समय बचा है. लेकिन अभी से इसकी चर्चा तेज हो गई है. हिंदू संगठन ने गरबा को लेकर बड़ी मांग की है. हिंदू संगठन का कहना है कि गरबा में भी उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाए जो तिलक लगाए और उनके आधार कार्ड भी चेक किए जाएं. 

नो तिलक, नो एंट्री-
नवरात्री महोत्सव में माँ जगदंबा की आराधना गरबा खेल कर की जाती है. गुजरात में खास करके वडोदरा में यह महोत्सव काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है. वड़ोदरा का गरबा पूरी दुनिया में फेमस है. लेकिन पिछले कुछ सालो में गरबा में कुछ विधर्मी युवक आकर हिन्दू युवतियों को फंसाने का काम करते हैं, ऐसी शिकायत हिन्दू संगठनों को मिली थी. इसलिए पिछले तीन-चार सालों से हिन्दू संगठन और सनातन धर्म डिमांड कर रहा है कि गरबा खेलने आने वाले सभी युवक-युवतियों को तिलक लगाया जाए. संगठन की मांग है कि जो तिलक नहीं लगाते हैं, उनको गरबा में एंट्री नहीं दी जानी चाहिए.

आधार कार्ड चेक किया जाए- संगठन
हिंदू संगठनों ने इसके अलावा गरबा करने आने वालों का आधार कार्ड भी चेक करने की मांग की है. जिससे कोई अन्य धर्म के लोग गरबा में न आने पाए. इसके अलावा मंडप, लाइटिंग जैसे अन्य काम भी अन्य धर्म के लोगों को न दिए जाए. सनातन हिन्दू संत समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ज्योतिन्द्रनाथ ऐसी चेतावनी दी है.

बड़े आयोजनों में है नियम-
हालाँकि वडोदरा में पिछले तीन सालों से गरबा के बड़े आयोजनों में 'नो तिलक, नो एंट्री' का नियम लागू  किया गया है. गरबा ग्राउंड के बाहर ही स्वयंसेवक आते जाते सबको तिलक लगाते हैं. उसके अलावा जिनको पास दिए जाते हैं, उनके आधार कार्ड भी चेक किये जाते हैं. इस साल भी आयोजकों के द्वारा इसी प्रकार की व्यवस्था की जायेगी.

वडोदरा में गरबा महोत्सव में कुछ अनहोनी न हो और देर रात तक युवक-युवतियां भयमुक्त होकर गरबा खेलें, इस प्रकार का आयोजन किया गया है.

(दिग्विजय पाठक की रिपोर्ट)

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