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Varanasi: देव दीपावली पर 10 लाख दिये जलाने की तैयारी, 25 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद

वाराणसी में कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस दौरान घाटों पर दीये जलाए जाते हैं. इसके साथ ही आतिशबाजी भी होती है. इस साल 10 लाख दिये जलाने की तैयारी है. इसके साथ ही ग्रीन आतिशबाजी भी होगी.

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देव दीपावली यानी देवताओं की दिवाली. कार्तिक मास की पूर्णिमा को वाराणसी में देव दीपावली मनाने की परंपरा है, जो विश्वविख्यात हो चुकी है. न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया से आस्थावान और सैलानी इस अलौकिक पल के गवाह बनने के लिए लाखों की संख्या में आते हैं. काशी के सभी गंगा घाट लाखों दीयों से जगमग हो उठते हैं.

इसके अलावा लेजर शो से लेकर विशेष आतिशबाजी भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. इस बार देव दीपावली पर कुल 10 लाख से ज्यादा दीये गंगा घाटों पर जलाने की तैयारी है, तो पिछली बार के 24 लाख पर्यटकों के संख्या के रिकार्ड के टूटने की भी उम्मीद है.

घाट पर 10 लाख दीये जाने की तैयारी- 
पर्यटन विभाग के वाराणसी, विंध्याचल और आजमगढ़ संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार ने बताया कि इस बार कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली के अवसर पर 5 नवंबर को 10 लाख दीपक जलाने की तैयारी है. इसके तहत तमाम समितियों को दीपक, तेल और बाती का वितरण किया जाता है. 

ग्रीन आतिशबाजी की भी तैयारी-
इसके अलावा ग्रीन आतिशबाजी भी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के उसपार ही होगा. इसके साथ ही चेतसिंह किला घाट पर भव्य लेजर प्रोजेक्शन शो का भी आयोजन है. जिसमें काशी की थीम गंगा, देव दीपावली और भगवान शिव होंगे. उन्होंने आगे बताया कि लेजर प्रोजेक्शन शो 3 बार ही होगा. जिसकी टाइमिंग 25-25 मिनट की होगी. पूरा कार्यक्रम गंगा आरती के सीक्वेंस में होता है. गंगा आरती के ठीक बाद प्रोजेक्शन शो होता है. फिर ग्रीन आतिशबाजी 10 मिनट की होगी, जो पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगी. 

25 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद-
उन्होंने बताया कि 10 लाख सरकार की ओर से दीयों के अलावा खुद के भी प्रयास से भी लोग दीपक जलाते हैं. जिसको मिलाकर असंख्य दीपक हो जाते हैं. अंतरराष्ट्रीय पर्व हो चुके देव दीपावली में पिछली बार 24 लाख पर्यटक काशी आए थे तो इस बार 25 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद है.

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