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Lord Shiva का Rudrabhishek करने का क्या है सही तरीका, जानिए इसके फायदे

सही तरीके से रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और 18 इच्छाएं तुरंत पूरी करते हैं. रुद्राभिषेक सही तरीके से करने से लाभ होता है तो गलत तरीके से करने से नुकसान भी हो सकता है.

भगवान शिव का रुद्राभिषेक भगवान शिव का रुद्राभिषेक
हाइलाइट्स
  • रुद्राभिषेक का फल भगवान शंकर प्रसन्न होकर तत्काल देते हैं

  • रुद्राभिषेक से 18 कमानाएं पूरी होती हैं

पुराणों में भगवान ब्रह्मा ने भी भगवान शिव के रुद्राभिषेक के बारे में बताया है. शास्त्रों में भगवान रुद्र के अभिषेक की संपूर्ण शास्त्रीय परंपरा के साथ साथ रुद्राभिषेक की तिथि, रुद्राभिषेक के पल, रुद्राभिषेक के विधान के साथ साथ रुद्राभिषेक की सावधानियां भी बताई गई हैं.

रुद्राभिषेक का पौराणिक महत्व- 
शिवपुराण के रुद्र संहिता में सावन मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया गया है. रुद्राभिषेक का फल भगवान शंकर प्रसन्न होकर तत्काल देते हैं. शिव पुराण की कथा कहती है कि सृष्टि का पहला रुद्राभिषेक भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने साथ मिलकर किया था. रुद्राभिषेक की पौराणिक कथा कहती है कि श्रेष्ठता के परीक्षण में भगवान ब्रह्मा ने भगवान शिव के आत्मलिंग के ऊपरी सिरे की खोज के लिए हंस बनकर यात्री शुरू की. तो भगवान विष्णु ने वराह बनकर आत्म लिंग के दक्षिणी सिरे को खेजने की यात्रा आरंभ की. थक कर जब दोनों को आत्म लिंग का कोई छोर नहीं मिला तो दोनों ने यात्रा रोक दी. तब भगवान शिव ने कहा कि आप दोनों ही मेरे आत्म लिंग से ही उत्पन्न हुए हैं. सृष्टि की रचना और पालन के लिए ब्रह्मा जी मेरे दक्षिण अंग से और विष्णु जी मेरे वाम अंग से उत्पन्न हुए हैं.  इसके बात को जानकर भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु दोनों ने साथ मिलकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया. 

रुद्राभिषेक से फायदा-
रुद्राभिषेक मंत्र की शक्ति इतनी अधिक होती है कि जिस क्षेत्र में भी इसका जप किया जाता है, उससे कई किलोमीटर तक के हिस्से में शुद्धता आ जाती है और वहां की नकारात्मकता का अंत होता है. कहा तो ये भी जाता है कि पंचांग की शुभ तिथि पर रुद्राभिषेक  किया जाता है तो इससे काफी फायदा होगा है.

  • सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है
  • गरीबी और धन की कमी दूर हो जाती है
  • कुंडली के सभी ग्रह दोषों का नाश होता है
  • मन को असीम शांति की अनुभूति होती है
  • रोग और सेहत से जुड़ी परेशानी खत्म होती है

घर पर रुद्राभिषेक का विधान-
भगवान शंकर के रुद्राभिषेक की महिमा लगभग सभी धार्मिक ग्रंथों में बताई गई है. कहते हैं कि रुद्राभिषेक करने से आपकी एक-दो नहीं, बल्कि 18-18 कमानाएं पूरी हो जाती हैं. दिन सोमवार का हो, प्रदोष का हो, शिवरात्रि का हो या फिर सावन का, शिव की सभी मान्य तिथियों में शिव का रुद्राभिषेक जन्म जन्मांतर के पापों को काट कर मोक्ष का रास्ता खोल देता है. रुद्राभिषेक यूं तो कभी भी किया जाए यह बड़ा ही शुभ फलदायी माना गया है.. रुद्राभिषेक में भगवान शिव का पवित्र स्नान कराकर पूजा अर्चना की जाती है. रुद्राभिषेक को सनातन धर्म में सबसे प्रभावशाली पूजा मानी गई है, जिसका फल तत्काल मिलता है. रुद्राभिषेक से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी कष्टों का अंत करते हैं. यजुर्वेद में घर पर ही रुद्राभिषेक करने का विधान बताया गया है जो अत्यंत ही लाभप्रद है.

  • घर पर मिट्टी का शिवलिंग बनाएं
  • पारद शिवलिंग है तो बहुत अच्छा है
  • पहले गणपति की पूजा से आरंभ करें
  • मां पार्वती,नवग्रह,मां लक्ष्मी,सूर्यदेव,अग्निदेव ब्रह्म देव,माता पृथ्वी,और मां गंगा का पूजन करें
  • भगवान शिव,मां पार्वती,नवग्रहों को आसन दें
  • देवी देवताओं पर रोली,अक्षत फूल चढ़ाएं
  • भगवान शिव के अभिषेक के लिए कामना के अनुसार द्रव्य का प्रयोग करें
  • उत्तर दिशा में शिवलिंग रख कर पूर्व दिशा में मुख करके बैठें
  • श्रृंगी को पहले गंगाजल से शुद्ध कर लें
  • तरल पदार्थ से भगवान शंकर का अभिषेक करें
  • इसके भाग शिव को चंदन का लेप लगाएं
  • पान, सुपारी अर्पित कर शिव को भोग लगाएं
  • महामृत्युंजय मंत्र काभि जप करते रहें
  • अभिषेक से एकत्र पानी को घर में छिड़क दें
  • रोग नाश के लिए पानी को सभी में पीने के लिए बांटें

रुद्राभिषेक मंगलकारी है. शिव वास की तिथियों पर किया गया रुद्राभिषेक मंगल फल देता है. लेकिन जिन तिथियों में शिव का वास नहीं होता है उन पर किया गया रुद्राभिषेक शुभकारी नहीं माना गया है.

कामना पूर्ति का रुद्राभिषेक-
आपकी कामना की वो 18 इच्छाएं कौन कौन सी है, जिनको रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव तुरंत पूरी कर देते हैं.

  • बारिश की कामना के लिए जल से रुद्राभिषेक करें
  • कुशोदक से रुद्राभिषेक करने से असाध्य रोग दूर होते हैं
  • दही से रुद्राभिषेक करने से भूमि भवन सुख मिलता है
  • गन्ने के रस से किया गया रुद्राभिषेक लक्ष्मी दिलाता है
  • शहद,घी से किया गया रुद्राभिषेक धन में वृद्धि कराता है
  • मोक्ष पाने के लिए तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक करें
  • इत्र के जल का रुद्राभिषेक बीमारी दूर करता है
  • गाय के दूध का रुद्राभिषेक संतान प्राप्ति कराता है
  • ज्वर शांति के लिए गंगाजल से रुद्राभिषेक करें
  • घी से रुद्राभिषेक करने से वंश का विस्तार होता है
  • दूध से रुद्राभिषेक करने से प्रमेह रोग दूर होता है
  • शक्कर से रुद्राभिषेक करने से ज्ञान की वृद्धि होती है
  • शहद से किया गया रुद्राभिषेक तपेदिक दूर करता है
  • गाय के घी से किया गया रुद्राभिषेक आरोग्यता दिलाता है
  • पुत्र की कामना के लिए शक्कर के जल से रुद्राभिषेक करें

तो अपनी कामना के अनुसार आप भी करें भगवान शंकर का रुद्राभिषेक भगवान शिव का पर आशीर्वाद पाएं.

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