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Nirjala Ekadashi 2024: कब रखा जाएगा निर्जला एकादशी का व्रत ? जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Nirjala Ekadashi 2024: इसी महीने निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान हरि की श्रद्धापूर्वक अराधना करने से सारे पाप कट जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि आती है. चलिए आपको बताते हैं कि निर्जला एकादशी व्रत कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.

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हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है. वैसे तो हर महीने में दो एकादशियां आती हैं और साल में 24, लेकिन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी का व्रत रखने से भक्तों को मनचाहा वरदान मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु के पूजा का विधान है. मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि  निर्जला एकादशी कब है और शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है.

निर्जला एकादशी का महत्व

निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि निर्जला एकादशी व्रत बिना अन्न-जल ग्रहण किए रखा जाता है. निर्जला एकादशी को सभी 24 एकादशियों में सबसे ऊपर रखा गया है. इसलिए जो भक्त बाकी के एकादशी व्रत नहीं रख सकते वो निर्जला एकादशी करके भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. इस एकादशी को बाकी एकादशी से कठिन माना गया है. क्योंकि व्रतधारी को बिना अन्न-जल ग्रहण किए ही इसे रखना होता है. इस दिन भगवान हरि की पूजा करने से  सभी पापों से मुक्ति मिलती है. 

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पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

  • 17 जून को सुबह 4 बजकर 43 मिनट से निर्जला एकादशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी.
  • 18 जून को सुबह 7:28 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी.
  • पारण का समय 19 जून को सुबह 5:24 मिनट से 7:28 के बीच है.

पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्य क्रिया से आने के बाद स्नान करें. 
  • पीले वस्त्र पहने और भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का प्रण लें. 
  • भगवान विष्णु की श्रद्धा पूर्वक पूजा करें.
  • पूरे दिन अन्न या जल का ग्रहण न करें.
  • ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करें.
  • रात को दीपदान जरूर करें. 
  • अगले दिन भी ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान ध्यान करने के बाद जरूरतमंदों को दान दें. ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
  • इसके बाद पारण करें और सभी को प्रसाद खिलाएं.