Kharmas 2025
Kharmas 2025 हिंदू धर्म में कई ऐसे महीने होते हैं जब शुभ काम करने से मना किया जाता है. खास तौर पर खरमास को एक विशेष समय माना गया है. इस साल खरमास की शुरूआत 16 दिसंबर से हो गई है. यह वह समय होता है जब लगभग एक महीने के लिए सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करता है. पुराण और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करना वर्जित माना गया है. इसलिए लोग इस समय विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मंगल कार्य नहीं करते हैं.
खरमास को अशुभ क्यों माना जाता है
पुराणों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि सूर्य की गति खरमास के समय कमजोर हो जाती है. मान्यता है कि जब सूर्य कमजोर होता है, तो शुभ कार्यों का फल सही नहीं मिल पाता है. इसी कारण इस समय कोई भी नया या बड़ा शुभ कार्य करने से बचना सही माना गया है. वहीं सूर्य को ऊर्जा और इन दिनों में शुभता का प्रतीक भी माना गया है.
पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथाओं के अनुसार, खरमास के दौरान देवताओं के गुरु बृहस्पति इन दिनों में कमजोर हो जाते हैं. वहीं एक मान्यता यह भी है कि इस समय भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं, जहां उनकी शक्ति कम हो जाती है. इसी वजह से यह समय मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता.
खरमास में किन शुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए
खरमास के दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन और नया व्यापार शुरू करने जैसे काम नहीं किए जाते. कई लोग तो इस समय बड़े फैसले भी नहीं करते हैं. हालांकि रोजमर्रा के जरूरी काम और नौकरी से जुड़े कार्य सामान्य रूप से किए जा सकते हैं.
खरमास में क्या करना शुभ माना जाता है
हालांकि खरमास में हम कोई शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह महीना धार्मिक कार्यों के लिए बहुत अच्छा समय माना जाता है. इस दौरान दान-पुण्य करना, जरूरतमंदों की मदद करना, पूजा-पाठ करना और भगवान विष्णु की आराधना करने से शुभ फल मिलता है. माना जाता है कि इस समय दान करने से व्यक्ति को कई गुना फल मिलता है.
कब से करें शुभ कार्य
मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है जिसके साथ ही खरमास समाप्त हो जाता है. इसके बाद सूर्य की स्थिति मजबूत मानी जाती है और शुभ कार्य दोबारा से शुरू हो जाते हैं. मकर संक्रांति के बाद विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों की फिर से शुरुआत हो जाती है.
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