scorecardresearch

67 साल बाद पूरी हुई मनोकामना! चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ को बिजनेसमैन ने चढ़ाई चांदी की पेट्रोल पंप मशीन और छप्पन भोग!

मांगीलाल जारोली ने बताया कि साल 1958 में उन्होंने एक पेट्रोल पंप खोलने का सपना देखा था. लेकिन जिंदगी की आपाधापी और तमाम मुश्किलों ने इस सपने को सालों तक अधूरा रखा. आखिरकार, 67 साल बाद, 6 जनवरी 2025 को उनका सपना साकार हुआ, जब बड़ी सादड़ी में ‘श्री सांवलिया सेठ फिलिंग स्टेशन’ का भव्य उद्घाटन हुआ.

men holding silver petrol pump men holding silver petrol pump

चित्तौड़गढ़ के विश्व प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर में एक ऐसी अनोखी भेंट ने हर किसी का दिल जीत लिया है, जो आस्था और भक्ति की नई मिसाल बन गई है! डूंगला के व्यवसायी मांगीलाल जारोली ने 67 साल पुराना सपना पूरा होने की खुशी में भगवान सांवलिया सेठ को चांदी से बनी पेट्रोल पंप मशीन की प्रतिकृति और छप्पन भोग का भव्य प्रसाद अर्पित किया. 

67 साल पुराना सपना और सांवलिया सेठ की कृपा
मांगीलाल जारोली ने बताया कि साल 1958 में उन्होंने एक पेट्रोल पंप खोलने का सपना देखा था. लेकिन जिंदगी की आपाधापी और तमाम मुश्किलों ने इस सपने को सालों तक अधूरा रखा. आखिरकार, 67 साल बाद, 6 जनवरी 2025 को उनका सपना साकार हुआ, जब बड़ी सादड़ी में ‘श्री सांवलिया सेठ फिलिंग स्टेशन’ का भव्य उद्घाटन हुआ. इस उपलब्धि के पीछे मांगीलाल भगवान सांवलिया सेठ की कृपा को मानते हैं. 

उन्होंने बताया कि उनके बेटों कुशल कुमार और सुशील कुमार ने 2024 में पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया था, लेकिन कई रुकावटें आ रही थीं. हर कोशिश नाकाम हो रही थी, तब उन्होंने सांवलिया सेठ के चरणों में मनोकामना रखी और वचन दिया कि सफलता मिलने पर वे चांदी की पेट्रोल पंप प्रतिकृति और छप्पन भोग अर्पित करेंगे.

सम्बंधित ख़बरें

और फिर, चमत्कार हुआ! कुछ ही महीनों में सारी अड़चनें दूर हो गईं, और पेट्रोल पंप को मंजूरी मिल गई. मांगीलाल का कहना है, “यह सब भगवान सांवलिया सेठ की कृपा से संभव हुआ. हमारा परिवार उनकी भक्ति में डूबा हुआ है.”

भव्य आयोजन और मंदिर में जयकारे
मनोकामना पूरी होने की खुशी में जारोली परिवार ने कोई कसर नहीं छोड़ी. आवरी माता रोड पर एक होटल से शुरू हुआ यह भव्य आयोजन डीजे की धुनों पर नाचते-गाते नगर भ्रमण के साथ सांवलिया सेठ मंदिर पहुंचा. जैसे ही परिवार मंदिर परिसर में दाखिल हुआ, ‘सांवलिया सेठ की जय’ के जयकारों से वातावरण गूंज उठा. परिवार ने भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों से सजा छप्पन भोग अर्पित किया. साथ ही, चांदी से बनी पेट्रोल पंप मशीन की प्रतिकृति ने सबका ध्यान खींचा. इस चमकदार और भव्य प्रतिकृति की कारीगरी देख हर कोई दंग रह गया.

मंदिर के पुजारी ने जारोली परिवार का स्वागत किया और उन्हें उपरना ओढ़ाकर सम्मानित किया. हालांकि चांदी की प्रतिकृति का वजन सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन इसकी सुंदरता और भक्ति की भावना ने मंदिर में मौजूद हर श्रद्धालु को मंत्रमुग्ध कर दिया. मंदिर परिसर में इस अनोखी भेंट की खूब चर्चा हो रही है, और लोग इसे आस्था की एक मिसाल बता रहे हैं.

सांवलिया सेठ मंदिर
चित्तौड़गढ़ का सांवलिया सेठ मंदिर राजस्थान में भक्ति और आस्था का प्रमुख केंद्र है. यह मंदिर भगवान कृष्ण के सांवलिया सेठ स्वरूप को समर्पित है, और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. छप्पन भोग और अनोखी भेंटों की परंपरा इस मंदिर की शान है. मांगीलाल जारोली की इस भेंट ने न केवल उनकी भक्ति को दर्शाया, बल्कि यह भी दिखाया कि सच्ची श्रद्धा के सामने कोई सपना असंभव नहीं.