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ये है दुनिया की सबसे छोटी कुरान! कुल 2.5 इंच है लंबाई, माचिस की डिब्बी में भी आ सकती हैं ऐसी दो

अरबी भाषा में लिखी इस कुरान शरीफ में सभी सूरह, रुकू, सज्दा और आयते हैं जो एक बड़ी कुरान में मौजूद होती हैं. इस कुरान शरीफ के लिए दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे छोटी कुरान शरीफ में से एक है.

सबसे छोटी कुरान सबसे छोटी कुरान
हाइलाइट्स
  • आयतें सोने के पारे से लिखी गई हैं, इसे मैग्नीफाई लेंस से पढ़ा जाता है

  • कुरान की लंबाई लगभग 2.5 इंच है, जबकि चौड़ाई आधा इंच है 

मध्य प्रदेश के रीवा में मुसलमानों की पवित्र ग्रंथ कुरान शरीफ मौजूद है, लेकिन ये बहुत खास है. इसकी खासियत यह है कि यह दुनिया की सबसे छोटी कुरान में से एक है. कुरान की लंबाई ढाई सेंटीमीटर, चौड़ाई डेढ़ सेंटीमीटर और मोटाई एक सेंटीमीटर है. 30 पारे की इस कुरान में सभी आयते सोने के पारे से हाथों से लिखी हुई है, जिसे केवल मैग्निफाइंग लेंस से पढ़ा जाता है. 

दुनिया की सबसे छोटी कुरान

रीवा शहर के मन्नान मस्जिद में मौजूद, अरबी भाषा में लिखी इस कुरान शरीफ में सभी सूरह, रुकू, सज्दा और आयते हैं जो एक बड़ी कुरान में मौजूद होती हैं. इस कुरान शरीफ के लिए दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे छोटी कुरान शरीफ में से एक है. इसकी खासियत यह है कि इस कुरान में कुल 258 पेज है और इसमें सभी आयतें अरबी में हाथों से लिखी हैं. इसे केवल मैग्निफाइंग लेंस के माध्यम से पढ़ा जाता है. कुरान के मालिक अनवारुल हक़ के परिवार में यह 7 पीढ़ियों से मौजूद है. एक और बात इस कुरान को केवल मन्नान मस्जिद में रमजान के पवित्र मौके पर ही निकाला जाता है. 

साल 1904 से मौजूद है ये कुरान शरीफ

आपको बता दें, साल 1904 में बनी मन्नान मस्जिद में मन्नान बाबा ने इस कुरान शरीफ को रखा था. मन्नान के बाद अनवारुल हक़ को यह कुरान शरीफ विरासत में मिली. अनवारुल के बाद इसका परिवार पीढ़ी-दर-पीढ़ी कुरान शरीफ को संभालकर रखे हुए है. यह कब, कैसे और कहां से आई इसकी जानकारी किसी को नहीं है. अपने पुरखों की इस धरोहर को वह सहेजते आ रहे हैं. 

वे रमजान के मौके पर इस खास कुरान शरीफ को निकलते हैं और उसे पढ़ते हैं. बता दें, इस कुरान शरीफ को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है.

दुनिया में बची गिनी-चुनी कुरानों में से एक है यह 

कुरान के मालिक इरफानुल हक़ का मुताबिक, बघेल रियासत के करीबी माने जाने वाले मन्नान बाबा के पास एक नहीं एक जैसी 2 दुर्लभ कुरान शरीफ थीं. ये दोनों कुराने अनवारुल हक़ के परिवार में आज भी मौजूद हैं. अपने पूर्वजों के बताए हुए नेक रास्तों पर अमल करते हुए मन्नान का परिवार कुरान को संभाल और सहेज कर रखते आ रहे हैं. 

आपको बता दें कि इस तरह की कुरान शरीफ दुनिया में केवल गिनी-चुनी ही बची हैं. ये कुरान भी इन्हीं में से एक है. 

(विजय कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट)