बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक प्रवचन के दौरान भारतीय और पश्चिमी विवाह संस्कृति पर बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, ‘जैसे यहां पुत्र को सिखाना पड़ता है कि तुम्हारे पिताजी का नाम ये है, विदेश में ये बात सिखानी पड़ती है कि तुम्हारे पिताजी कौन से नंबर के हैं.’ शास्त्री ने भारतीय परंपराओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारा भारत इसलिए महान है क्योंकि यहां 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः' की भावना है, जहां नारी को एक कदम आगे रखा जाता है, जैसे सीताराम और राधेश्याम. उन्होंने कहा कि जो पुरुष एक ही पत्नी के साथ जीवन व्यतीत करता है, वह ब्रह्मचारी की श्रेणी में आता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विवाह भोग के लिए नहीं, बल्कि पति-पत्नी के साथ मिलकर सत्संग के माध्यम से परमात्मा को पाने का योग है. देखिए अच्छी बात.