बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने प्रवचन में कभी भी न हारने का सूत्र बताया और सनातन धर्म की रक्षा पर जोर दिया. उन्होंने कहा, 'कलियुग में संघे शक्ति कलियुग है, कलयुग में एकता ही शक्ति है वही बलवान है.' शास्त्री ने साधु और बिच्छू की कहानी सुनाते हुए संदेश दिया कि दूसरों के बुरे व्यवहार के कारण अपना अच्छा स्वभाव नहीं छोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब एक बिच्छू मरते-मरते भी अपना डंक मारने का स्वभाव नहीं छोड़ सकता, तो एक साधु अपनी बचाने की प्रवृत्ति कैसे त्याग सकता है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि हरी का भजन करो, हरी है तुम्हारा प्रभु का नाम दिलाएगा किनारा. प्रभु सुमिरन से होगा भवसागर पार..देखिए अच्छी बात धीरेंद्र शास्त्री के साथ