एक आध्यात्मिक प्रवचन में वक्ता ने हनुमान जी के 11वें रुद्र अवतार बनने की पौराणिक कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि जब पृथ्वी पर जल तत्व समाप्त हो गया था, तब 11वें रुद्र ने अपने शरीर को गलाकर जल प्रकट किया और बाद में हनुमान के रूप में जन्म लिया। इसके अलावा, वक्ता ने छत्रपति संभाजी नगर के एक गुरु और चेला की हास्यप्रद कहानी भी सुनाई, जिसमें डूबते हुए को बचाने और इनाम पाने का जिक्र था। प्रवचन में 'सत्यम शिवम सुंदरम' और 'सीता राम' जैसे भजनों का गायन भी किया गया।