अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने शिष्य आशीष दास और उसके गुरु की एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाई. कथा के अनुसार, आशीष दास ने योग के माध्यम से 33 मिनट तक सांस रोकने की कला में निपुणता हासिल कर ली थी. गुरु ने उसे अपने परिवार के प्रेम की परीक्षा लेने का सुझाव दिया. शिष्य ने घर जाकर सांस रोककर अपनी मृत्यु का नाटक किया. इसके बाद उसने देखा कि उसकी पत्नी और परिवार वाले उसके 'शव' के पास रोने के बजाय खीर खाने और अपनी जान बचाने की चिंता में थे. जब गुरु ने उसे जीवित करने के लिए 'जहरीला' दूध पीने की शर्त रखी, तो परिवार का कोई भी सदस्य तैयार नहीं हुआ. अंत में गुरु ने स्वयं वह दूध पिया और शिष्य को जीवित घोषित किया. इस घटना से शिष्य को संसार की नश्वरता और रिश्तों के खोखलेपन का ज्ञान हुआ. देखिए अच्छी बात.