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Acchi Baat: 'हनुमान जी की कृपा अनुबंध से नहीं, संबंध से होती है', जानें सच्ची भक्ति का मर्म

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सांचौर, राजस्थान में दिए प्रवचन में हनुमान जी की भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि कलियुग में हनुमान जी ही प्रत्यक्ष देवता हैं और उनकी भक्ति मन से होनी चाहिए, केवल तन से नहीं. उन्होंने कहा कि 'हनुमान जी की कृपा अनुबंध से नहीं होती, हनुमान जी की कृपा तो संबंध से होती हैं.' इस प्रवचन में उन्होंने बक्सर वाले श्री नारायण दास भक्त माली जी का संस्मरण सुनाया कि कैसे भगवान अपने भक्तों की चिंता स्वयं करते हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने भारत के कुछ महान संतों का भी उल्लेख किया, जिनमें पथमेड़ा के श्री दत्त शरणानंद जी महाराज, बरसाने के श्री विनोद बाबा जी, चित्रकूट के जगद्गुरु रामभद्राचार्य और मलूक पीठ के श्री राजन दास जी महाराज शामिल हैं, और कहा कि ऐसे संतों के दर्शन ही परमात्मा के दर्शन हैं. उन्होंने भक्तों को समझाया कि भगवान से व्यापारिक संबंध बनाने के बजाय उन पर सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहिए. देखिए अच्छी बात.