रामायण की कथा में राम के बालचरित्र और दशरथ के पुत्र-प्रेम का वर्णन है. विश्वामित्र राम को मांगने आते हैं, जिस पर दशरथ व्याकुल हो जाते हैं. दशरथ कहते हैं, "प्राण लेलो, पर राम नहीं दे सकते." इस प्रसंग में जटायु से दशरथ के पुराने वचन का भी उल्लेख है. अंत में वशिष्ठ दशरथ को समझाते हैं. देखिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ अच्छी बात.