अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री बता रहे हैं कि महादेव ने देवताओं के कल्याण के लिए विषपान किया और उनका कंठ नीला पड़ गया, जिससे वे नीलकंठ कहलाए. इसी कंठ से भगवती काली का प्राकट्य हुआ. राक्षसों के अत्याचार बढ़ने पर, भगवान शंकर ने अपनी शक्ति से माँ काली को उत्पन्न किया. माँ काली ने धूम्रलोचन, चंड और मुंड जैसे बलवान राक्षसों का संहार किया. शुंभ और निशुंभ ने देवी को अपनी पत्नी बनाने का प्रयास किया, लेकिन माँ काली ने उनसे युद्ध की चुनौती स्वीकार की. देवी ने प्रण लिया था कि वे उसी से विवाह करेंगी जो उन्हें युद्ध में पराजित करेगा. अंततः, माँ काली ने शुंभ और निशुंभ का भी वध कर दिया. इस कथा में बताया गया है कि "जो भी नवरात्रि में अथवा किसी भी संकट के समय भगवती भद्र काली का ध्यान करेगा, वो कैसी भी विपत्ति में पड़ जाए, माँ भद्र काली उसका आकर के रक्षा करेंगी."