अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री से एक श्रोता शिवकुमार ने पूछा कि 'दुख क्या है?' जिसके उत्तर में कथा में दुख के तीन मुख्य कारण बताए गए. पहला कारण आशा-अपेक्षा है, जहाँ व्यक्ति दूसरों से अत्यधिक उम्मीदें रखता है और उनके पूरा न होने पर दुखी होता है. दूसरा कारण अज्ञानता है, जिसमें व्यक्ति सत्य को नहीं जानता और जीवन के मूल्यवान पलों को व्यर्थ कर देता है, जैसे हीरे को पत्थर समझना. तीसरा कारण वर्तमान को स्वीकार न करना है, जहाँ व्यक्ति या तो भूतकाल की चिंता में जीता है या भविष्य की बेचैनी में. दुख से बचने का एक महत्वपूर्ण सूत्र दिया गया: 'तुम दुनिया से अपेक्षा करना बंद कर दो, परमात्मा से अपेक्षा रखना प्रारंभ कर दो.' कथा में यह भी बताया गया कि वर्तमान में जीना और संसार के लोगों पर आशा न रखना ही सुख का मार्ग है.