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Acchi Baat: राम रस में डूबकर मिलेगा किनारा, देखिए अच्छी बात धीरेंद्र शास्त्री के साथ

अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री सुंदरकांड के महत्व पर प्रकाश डाल रहे हैं, जिसमें बताया गया है कि सुंदरकांड को केवल पढ़ना नहीं, बल्कि समझना और जीवन में उतारना महत्वपूर्ण है. धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान चालीसा के पाठ और सुंदरकांड को जीने के बीच का अंतर समझाया. उन्होंने कहा कि लोग अक्सर बिना समझे केवल रटते हैं, जैसे नहाते समय या श्रृंगार करते समय. इस दौरान 'भूत पिशाच निकट नहीं आवे' का पाठ करने का उदाहरण दिया गया. धीरेंद्र शास्त्री ने जीवन की क्षणभंगुरता पर जोर दिया, यह बताते हुए कि 'चार दिनों का है जग का मेला' और 'कोई न संग ही साथी अकेला'. उन्होंने लोगों को वर्तमान में भजन करने और अच्छे कर्म करने का आग्रह किया, क्योंकि 'बाद में प्यारे पछताएगा जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा'. यह भी बताया गया कि मरने के बाद लोग भूल जाते हैं, इसलिए दिखावे के लिए जीने का कोई अर्थ नहीं है. देखिए अच्छी बात.