अहोई अष्टमी का पर्व 13 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा, जिसमें माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उज्ज्वल भविष्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. अहोय अष्टमी वो परीक्षा है जिसमे अगर कोई मां सफल हो जाये तो उसकी संतान के भविष्य को उजले सूरज की तरह चमकने से कोई नहीं रोक सकता. इस दिन माता पार्वती के अहोई स्वरूप और भगवान शिव की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और उसे सफलता का आशीर्वाद मिलता है. व्रत का पारण शाम को तारे देखने के बाद किया जाता है. इस दिन मथुरा के राधा कुंड में स्नान का भी विशेष महत्व है, जहां हजारों श्रद्धालु संतान प्राप्ति की कामना के साथ पवित्र स्नान करते हैं.