अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रैल शाम 5:29 से लगकर 30 अप्रैल दोपहर 2:12 तक रहेगी, उद्या तिथि के कारण पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस दिन को अबूझ मुहूर्त मानते हुए विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार जैसे मांगलिक कार्य किए जाते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है, जिसमें विष्णु सहस्रनाम पाठ और दान का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, "अक्षय तृतीया के दिन किया गया पुण्य कार्य, दान, जप, तप और तीर्थ स्नान का फल कभी भी क्षय नहीं होता अर्थात ये फल अक्षय रहता है."