पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है और यह 9 अगस्त रक्षाबंधन तक पूरे 38 दिनों तक चलेगी. इस साल अब तक करीब 3,50,000 श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. जिन श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराया, उनके लिए जम्मू में ऑफलाइन पंजीकरण की सेवा शुरू हो गई है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखी जा रही है और अडवांस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. यात्रा मार्ग पर हाई डेफिनिशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरे और फेशियल रिकग्निशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तकनीक की मदद से संदिग्धों को पकड़ा गया था, जो आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे थे. फेशियल रिकग्निशन सिस्टम में सक्रिय आतंकवादियों और उनके मददगारों की तस्वीरें फीड की गई हैं. अगर कोई संदिग्ध कैमरे की नजर में आता है तो निगरानी केंद्र में तुरंत अलार्म बज उठता है. सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखने के अलावा डॉग स्क्वाड और बुलेटप्रूफ मार्क्समेन गाड़ियां भी तैनात की गई हैं. अमरनाथ यात्रा मार्ग को 10 अगस्त तक नो फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया है. इस दौरान यात्रा मार्ग के ऊपर किसी भी तरह के ड्रोन या यूएवी के उड़ान पर रोक है. तीर्थयात्री वाहन को नागरिक यातायात के साथ मिलने की अनुमति नहीं होगी. एक यात्री ने कहा, "सिक्योरिटी के यहाँ पे अच्छे इंतजाम है और आप यू कैन एन्जॉय एंड यू कैन फील कंफर्टब्ल हियर?"