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Anant Chaturdashi पर गणपति विसर्जन: जानें शुभ मुहूर्त, विधि और 14 गांठों का रहस्य! देखिए

अनंत चतुर्दशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है. इस दिन रक्षा सूत्र बांधा जाता है, जिसमें 14 गांठें होती हैं. इन गांठों का संबंध भगवान विष्णु के 14 अवतारों और 14 कलाओं से है. यह दिन संकटों को दूर करने वाला माना जाता है. गणपति विसर्जन के लिए उत्तर दिशा शुभ मानी गई है और "ओम अनंताय नमः" मंत्र का जाप किया जाता है. विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 7:36 से 9:31 तक रहेगा. विसर्जन से पहले हवन करने का प्रयास करना चाहिए. एक लकड़ी की चौकी पर स्वस्तिक बनाकर, अक्षत रखकर, गुलाबी कपड़ा बिछाकर और उसके चारों कोनों पर सुपारी बांधकर गणेश जी की प्रतिमा को घर से बाहर निकालना चाहिए. घर से निकलते समय गणेश जी का मुख घर की ओर रखना चाहिए. ऐसा इसलिए किया जाता है कि "जितनी भी परेशानियां हैं, जितनी भी बीमारियां हैं, जीतने भी दुख है, वो अपने आप समाप्त हो जाए" विसर्जन से पहले कपूर से आरती करें और अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें. गणपति स्थापना डेढ़, तीन, पांच या सात दिनों के लिए भी की जाती है, जिसके अनुसार विसर्जन शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है.