नर सेवा ही नारायण सेवा है, जो भक्त परमात्मा से अनन्या प्रेम करते हैं, वे ईश्वर को प्रिय होते हैं। यह प्रवचन ईश्वर प्राप्ति के विभिन्न मार्गों, विशेषकर भक्ति मार्ग की सरलता और प्रभावशीलता पर प्रकाश डालता है। इसमें बताया गया है कि सच्चा भक्त वही है जो धर्म के मार्ग पर चले और हर स्थिति में ईश्वर की कृपा देखे।