अयोध्या में भगवान राम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और दास रूप में हनुमान जी की प्रतिमा का पूजन चल रहा है, जिसका उद्देश्य जगत और राष्ट्र का कल्याण है। चंद्रांशु जी महाराज ने कहा, 'हम राम को मानें पर राम की ना मानें यह तो बिलकुल गलत होगा,' और बताया कि राम का जन्म मनुष्यों को मनुष्यता का पाठ पढ़ाने के लिए हुआ था। राम राज्य को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उदाहरण बताया गया, जहाँ अंतिम व्यक्ति का उत्थान सर्वोपरि है।