बड़ा मंगल आस्था, सेवा और समर्पण का प्रतीक है, इस दिन हनुमान जी की सच्चे मन से आराधना करने पर साधक के जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही हनुमान जी को अमृत का वरदान मिला था, श्रीराम से उनका मिलन हुआ था और माँ जानकी ने उन्हें अपना ज्येष्ठ पुत्र कहते हुए कहा, "हे हनुमान आज से तुम मेरे ज्येष्ठ पुत्र हो।" इस विशेष दिन पर हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ और विशेष मंत्र जाप करने से विभिन्न ग्रहों की शांति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।