बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जीवन के विभिन्न चरणों पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने युवाओं के लिए विशेष सलाह दी. उन्होंने 18 से 25 वर्ष की आयु को एक 'बहुत ही सेंसिटिव अवस्था' बताया और युवाओं को इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करने का आग्रह किया. शास्त्री ने कहा, 'चलचित्र देखकर अपने तेज को नष्ट मत करो वासना की बातें सुनकर यह देखकर तेज को नष्ट मत करो. जो अपने तेज को नष्ट करता है, उसकी याददाश्त कमजोर होती है और चेहरा की चमक चली जाती है.' उन्होंने 50 वर्ष की आयु तक नीतिपूर्वक धन कमाने और उसके बाद का जीवन कथाओं और तीर्थ यात्राओं में बिताने का सुझाव दिया. उन्होंने श्रोताओं को अपने बच्चों को माला देने के लिए भी प्रोत्साहित किया ताकि वे ईश्वर का नाम जप सकें.