बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इंदौर में आयोजित कथा के दौरान कहा कि सुख धन से नहीं, बल्कि भगवान के भजन से प्राप्त होता है. उन्होंने अपने शिष्य 'चंगीलाल मूसाखेड़ी' का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद वह दसवीं पीढ़ी की चिंता में बीमार पड़ गया. शास्त्री जी ने एक पौराणिक कथा भी सुनाई जिसमें एक व्यक्ति ने भगवान विष्णु से सब कुछ मांग लिया लेकिन 'शांति' की चिट्ठी थैले में ही छोड़ दी. उन्होंने जोर देकर कहा कि साधन होने पर भी अगर मन में शांति और भजन नहीं है, तो जीवन व्यर्थ है. कथा के अंत में उन्होंने 'दास धीरेन्द्र' के रूप में बालाजी की विनती की.