बेलपत्र का धार्मिक और औषधीय दोनों महत्व है. यह कई बीमारियों से बचाने में सहायक है, खासकर पेट से जुड़ी समस्याओं में इसका प्रयोग रामबाण माना गया है. भगवान शिव की हर पूजा अर्चना में बेलपत्र का प्रयोग होता है. माना जाता है कि बेलपत्र वृक्ष की जड़ में शिवलिंग स्वरूपी भगवान शिव का वास होता है, इसलिए बेलपत्र तोड़ने में मंत्रों का प्रयोग जरूर करना चाहिए. बेलपत्र तोड़ने का मंत्र है: "अमृतोद्भव श्री वृक्ष महादेव प्रिय सदा गृहणामि तव पत्राणि शिव पूजार्थम आदरात". इसका अर्थ है कि अमृत से उत्पन्न सौंदर्य व ऐश्वर्यपूर्ण वृक्ष महादेव को हमेशा प्रिय है. भगवान शिव की पूजा के लिए ही वृक्ष मैं तुम्हारे पत्र तोड़ता हूँ. बेलपत्र तोड़ते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे इसे कभी भी टहनियों के साथ नहीं तोड़ना चाहिए, बल्कि एक-एक पत्ती को तोड़ना चाहिए. वृक्ष को कोई क्षति न हो, इसका ध्यान रखना चाहिए. बेलपत्र तोड़ने से पहले और बाद में वृक्ष को प्रणाम करना चाहिए. सोमवार और विशेष पर्वों पर बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए. बेलपत्र के प्रयोग से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.