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Belpatra से हर समस्या का समाधान! विवाह, संतान, स्वास्थ्य के लिए खास प्रयोग

बेलपत्र का प्रयोग भगवान शिव की कृपा पाने का सबसे कारगर उपाय माना जाता है. चाहे संतान प्राप्ति की समस्या हो, विवाह में बाधा आ रही हो या गंभीर बीमारियों से छुटकारा पाना हो, बेलपत्र के सही प्रयोग से हर मुश्किल आसान हो सकती है. शास्त्रों के अनुसार, बेलवृक्ष के नित्यानंद भाग में अमृत का वास होता है, इसलिए तीन पत्तों वाला बेलपत्र ही भगवान भोलेनाथ को अधोमुख (उल्टा) करके चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बेलपत्र अर्पित करते समय कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है, जैसे इसे सोमवार, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या और संक्रांति वाले दिन नहीं तोड़ना चाहिए. प्रयोग के लिए बेलपत्र कटा-फटा या छिद्र वाला नहीं होना चाहिए और चिकने वाले हिस्से की तरफ से ही चढ़ाना चाहिए. साथ ही, बेलपत्र अर्पित करते समय जल भी अवश्य चढ़ाना चाहिए. ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, "जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते हैं" बेलपत्र के प्रयोग से पेट के रोग और हृदय संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं. संतान प्राप्ति के लिए उम्र के बराबर बेलपत्र दूध में डुबोकर चढ़ाने का विधान है, जबकि विवाह में विलंब होने पर 108 बेलपत्र पर चंदन से 'राम' लिखकर चढ़ाने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.