वासंतिक नवरात्र के नवें दिन भगवान राम का जन्म हुआ था , अतः इसको राम नवमी भी कहते हैं. मध्य दोपहर मैं कर्क लग्न तथा पुनर्वसु नक्षत्र मैं भगवान का जन्म हुआ था. मध्य दोपहर में भगवान राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए.श्री रामचरितमानस का पाठ करें या श्री राम के मन्त्रों का जाप करें. जिन महिलाओं को संतान उत्पत्ति मैं बाधा आ रही हो , ऐसी महिलाएं भगवान राम के बाल रूप की आराधना जरूर करें.