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Acchi Baat: जिसे सुनकर दूर भाग जाए दुख, उसे ही कथा कहते हैं... जानिए क्या कह रहे हैं धीरेंद्र शास्त्री

कथा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बात कही गई है कि पहले के समय में व्यक्ति भगवान के प्रचार का माध्यम होता था, लेकिन आज के समय में भगवान व्यक्ति के प्रचार का माध्यम बन गए हैं. एक कथा के दौरान, यजमान द्वारा बनवाए गए बैनर पर अपनी बड़ी तस्वीर और कथा व्यास की छोटी तस्वीर होने का अनुभव साझा किया गया. यह बताया गया कि पहले भगवान की तस्वीरें छपती थीं और कथा व्यास तथा श्रोता छिपे रहते थे, लेकिन अब भगवान छिप गए हैं और कथा व्यास तथा श्रोता छप रहे हैं.