बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने दिव्य दरबार में राजस्थान से आए 85 वर्षीय गजानन विश्नोई के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि यह संसार 'दुकालय' है, जहां दुख मिलना स्वाभाविक है. उन्होंने समझाया कि दुख केवल शरीर (तन) को होता है, मन या आत्मा को नहीं. शास्त्री जी ने अमेरिका के एक महात्मा और 'सेठ और कुत्ते' की कहानी के माध्यम से कर्म के सिद्धांत को समझाया. उन्होंने कहा कि व्यक्ति जैसा कर्म करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है, और विपत्तियों में भी प्रसन्न रहना ही जीने की असली कला है.