जबलपुर में कथा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने संघर्ष के दिनों को याद कर भावुक हो गए. उन्होंने कहा, 'आज भगवान की ये कृपा है कि आज वही लोग बागेश्वर धाम के नाम से अपनी दुकान चलाएं जो कल हमको दूर करते थे, कल हमारे देखते ही जो मुंह टेढ़ा कर लेते थे.' शास्त्री ने अमीरों और गरीबों के व्यवहार में अंतर बताते हुए कहा कि गरीब बेटी के विवाह में 5000 रुपये देने पर भी दिव्य खुशी देता है, जबकि अमीर लाखों का तोहफा पाकर ठीक से हाथ भी नहीं मिलाते. उन्होंने बताया कि कैसे उनके परिवार ने गरीबी में दिन काटे, जब त्योहार पर पूड़ी की जगह रोटी बनती थी. उन्होंने अपनी बहन के विवाह में आई मुश्किलों का जिक्र करते हुए कहा कि इसी वजह से उन्होंने बागेश्वर धाम में गरीब कन्याओं का विवाह कराने का प्रण लिया. उन्होंने श्रोताओं से दुनिया से अपेक्षा न कर केवल बालाजी पर भरोसा रखने का आह्वान किया.