देश के कई हिस्सों में गणपति उत्सव की तैयारियां चल रही हैं. महाराष्ट्र के अकोला में पर्यावरण जागरूकता का संदेश देते हुए इको-फ्रेंडली गणपति बनाए गए. इस पहल में लगभग आठ से दस हजार स्कूली छात्र शामिल हुए, जिन्होंने करीब छह हजार सुंदर इको-फ्रेंडली मूर्तियां बनाईं. बच्चों की इस कोशिश से एक समय में इतनी सारी इको-फ्रेंडली मूर्तियां बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया. अकोला का नाम लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. एक बच्चे ने कहा, "ऐसा ही बनाना चाहिए. इससे हमारा जो पर्यावरण है वो हमेशा अच्छा ही रहेगा. स्टेप लेना चाहिए शैडो माटी के गणपति बनाके जिससे हमारा जो पर्यावरण है वो सवस्थ रहे और बाप्पा भी खुश रहे" अकोला के साथ-साथ हैदराबाद में भी ऐसी ही पहल हुई, जहां गणेश चतुर्थी से पहले स्वर्णगिरि मंदिर में बीज गणेश प्रतिमाओं का अनावरण किया गया. यह पहल ग्रीन इंडिया चैलेंज संगठन की है. प्राकृतिक मिट्टी और नारियल पाउडर से बनी इन मूर्तियों में नीम और इमली जैसे देसी पौधों के बीज हैं. त्यौहार के बाद इन मूर्तियों को मिट्टी में विसर्जित किया जा सकता है, जिससे पौधे उगेंगे और बाद में पेड़ बनेंगे. इस साल इस संगठन की ओर से गणपति की पांच लाख मूर्तियां बांटने की योजना है.