कार्तिक यानी देव कृपा का दिव्य मास होता है. अलग-अलग समस्याओं से छुटकार पाने के लिए अलग-अलग मुख वाले दीपक जलाना चाहिए. इसका अर्थ यह है कि अलग अलग मुख वाले दीपक जलाकर अलग अलग तरह की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है और साथ ही अलग-अलग मनोकामनाएं भी पूरी की जा सकती हैं. सामान्य रूप से हर पूजा-पाठ से पहले एकमुखी दीपक जलाया जाता है.एकमुखी दीपक जलाकर कोई भी सामान्य मंत्र जाप कर सकते हैं. कार्तिक में एक मुखी दीपक पूजा स्थल पर ही जलाएं. दीपक भले ही एक मुखी हो, पर उसमे दो बत्तियां होनी चाहिए. दो मुखी दीपक घी से ही जलाना चाहिए.इसे भगवान शिव के आगे या खुले आसमान के नीचे जलाना चाहिए.दो मुखी दीपक जलाते समय ध्यान रखना चाहिए कि ये हर बार नया हो.
To get relief from different problems, lamps with different faces should be lit. This means that by lighting lamps with different faces, one can get relief from different types of problems and also different wishes can be fulfilled