उज्जैन में स्थित ऋषि संदीपनी के आश्रम को भगवान श्री कृष्ण की पाठशाला माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि 5000 साल पहले मुरलीधर कान्हा ने अपने बड़े भाई बलराम और मित्र सुदामा के साथ सांदीपनी ऋषि से शिक्षा ग्रहण की थी. यहाँ उन्होंने 4 दिन में चार वेद, 6 दिन में छे शास्त्र, 16 दिन में 16 कहलाए, 18 दिन में 18 पुराण, 20 दिन में गीता का ज्ञान गुरु सेवा, गुरु दक्षिणा छंद अलंकार उपनिषद। जितनी भी प्रकार की 64 विद्या और कलाएं होती है, उनका सबका ज्ञान गुरु सांदीपनि जी से यहाँ पर उन्होंने प्राप्त किया था.