गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणपति बप्पा के विभिन्न स्वरूपों और उनकी महिमा पर चर्चा की गई। बताया गया कि कोई भी पूजा गणपति जी की पूजा के बिना अधूरी होती है। गणेश जी के आठ स्वरूपों में से वक्रतुंड सभी विघ्नों को हरने वाले हैं और दूसरों के सुख से जलने वालों का संहार करते हैं। एक दंत स्वरूप घमंड और नशे से संबंधित दानव का वध कर ज्ञान और अज्ञान के बीच का फर्क बताता है।