गणेश महोत्सव के शुभ अवसर पर गणपति की असीम कृपा बरसती है। हर शुभ काम की शुरुआत से पहले गणपति का पूजन किया जाता है। मंगलमूर्ति गणेश को प्रसन्न करने के लिए मोदक, पुष्प और सुगंध अर्पित किए जाते हैं, लेकिन पत्तों से भी गणपति की पूजा की जा सकती है। पत्तों से की गई उपासना से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और मनवांछित फल मिलता है। भगवान गणपति ने जब अंधा सुर को निगल लिया था, तब उनके पेट में जलन हुई थी।