भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्म हुआ था, इसलिए यह तिथि श्री गणेश की आराधना के लिए सबसे बड़ी मानी जाती है। गणपति की घर में स्थापना शुभ के आगमन और अशुभ के विनाश के लिए होती है। 10 दिन बाद मूर्ति विसर्जन से घर की नकारात्मकता दूर होती है। गणेश पूजा में मोदक, दूर्वा और अक्षत का विशेष महत्व है। मोदक को गणपति का प्रिय भोग माना जाता है, जिसकी कथाएं माता गौरी और देवी अनुसूया से जुड़ी हैं।