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Ganesh Ji का हर अंग सिखाता है जीवन जीने की कला, जानिए शुभ और लाभ के रहस्य

गणपति बप्पा का लौकिक स्वरूप इंसान को अनादिकाल से जीवन जीने की कला सिखा रहा है. उनके प्रत्येक अंग में एक नई सीख छिपी है. बड़ा सिर नेतृत्व क्षमता और विचारों की समृद्धि का प्रतीक है, जबकि छोटी आंखें एकाग्रता दर्शाते हैं. बड़े कान सबकी सुनने और छोटा मुंह कम बोलने की सीख देते हैं. बड़ी सूंढ़ दक्षता और क्षमता का प्रतीक है. गणेश जी की चार भुजाओं में भी जीवन के रहस्य छिपे हैं. एक हाथ में मोदक जीवन यात्रा के मधुर स्वाद का संकेत है. आशीर्वाद की मुद्रा में हाथ समस्त जगत के कल्याण की कामना का भाव दर्शाता है. पाश मर्यादा की सीमाएं तय करने का संदेश देता है, ताकि जीवन आनंदमय रहे. अंकुश मन पर नियंत्रण का प्रतीक है, क्योंकि मन ही मनुष्य के बंधन और मुक्ति का मूल कारण है. 'मन एवं मनुष्यणां कारणम् बंध मोक्षयो बंधाय विषयासक्तम मुक्तई निर्विषयम स्मृतम' यह मंत्र बताता है कि विषयों में आसक्ति बंधन है और उनसे वैराग्य मुक्ति. रिद्धि और सिद्धि से विवाह कर गणेश जी ने विवेक संपदा और आध्यात्मिक शक्ति के सामंजस्य का महत्व बताया है.