अनंत चतुर्दशी के शुभ अवसर पर गणपति बाप्पा का विसर्जन पूरे विधि-विधान के साथ किया जाएगा. पंडित शैलेंद्र पांडे जी ने गणपति विसर्जन की सही विधि और ध्यान रखने योग्य बातों का विस्तार से वर्णन किया है. विसर्जन वाले दिन प्रातःकाल उपवास या फलाहार करना चाहिए. घर में स्थापित प्रतिमा का विधिवत पूजन करें, जिसमें नारियल, शमी पत्र और धूप अर्पित करना आवश्यक है. प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाते समय गणेश जी को अर्पित किए गए अक्षत घर में बिखेर दें. चमड़े का बेल्ट, चमड़े के पट्टे वाली घड़ी या चमड़े का पर्स अपने पास न रखें. नंगे पैर मूर्ति ले जाएं और विसर्जन करें. प्लास्टिक की मूर्ति या चित्र स्थापित न करें और न ही विसर्जित करें. मिट्टी की प्रतिमा स्थापित करना और विसर्जित करना सबसे उत्तम है. विसर्जन के बाद हाथ जोड़कर भगवान गणेश से अपने, परिवार और देश के कल्याण की कामना करें. इस दौरान यह प्रार्थना करें कि "आपके कष्टों का आपके दुखों का विसर्जन भी हो जाए"